जन्माष्टमी का त्यौहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मथुरा नगरी में असुरराज कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को पैदा हुए।
किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है। प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है।
हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र और सुख की कामना ईश्वर से करती हैं
धार्मिक मान्यताओं व हिन्दू पञ्चांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या तिथि के नाम से पुकारा जाता है। इस तिथि को एक खास तिथि के रूप में माना जाता है।
सावन शिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण होती है। माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्द सुन लेते हैं। इसलिये उनके भक्त अन्य देवी-देवताओं की तुलना में अधिक भी मिलते हैं।
कामिका एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरुप की पूजा की जाती है। इस एकादशी के व्रत को करने से पूर्वजन्म की बाधाएं दूर होती हैं।
ऐसी मान्यता है कि प्रबोधनी एकादशी से सृष्टि के पालन कर्ता भगवान विष्णु सारी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर अपने दिव्य भवन पाताललोक में विश्राम करने के निकल लेते है
सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थान की सफाई करें। भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें।
संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
इस बार के ग्रहण की खास बात यह है कि यह भारत में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार यह रात में 1 बजकर 31 मिनट पर, ग्रहण का मध्य 3 बजकर 1 मिनट, एवं चन्द्र ग्रहण का मोक्ष 4 बजकर 30 मिनट पर होगा।
कई बार हम किसी व्यक्ति से ऐसे मिलते हैं कि हम स्वयं को उसके समझ बिना किसी कारण के, बिना किसी उधेड़-बुन के, ज्यों का त्यों छोड़ देते हैं।
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। कहते है कि इसी पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। यही वजह है
12 जून को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2019) मनाया जा रहा है. इस दिन लोग पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं और दान-पुण्य के काम करते हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर शिव-शंभु का धाम है। ‘परम रम्य गिरवरू कैलासू, सदा जहां शिव उमा निवासू।
वर्ष भर में चौबीस एकादशी आती हैं। इस 13 जून, 2019 को है निर्जला एकादशी और ये निर्जला एकादशी को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।