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श्री शनिदेव इंगित प्रतिकूलता शमन के उपाय

श्री शनिदेव इंगित प्रतिकूलता शमन के उपाय बताने से पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि श्री शनिदेव न तो किसी के अनुकूल होते हैं और न प्रतिकूल। वे तो कर्मफलदाता की भूमिका निभाते हैं और किसी का पक्षपात नहीं करते हैं। शनि अनुकूलन के उपाय का तात्पर्य वैसे शास्त्रोक्त अनुष्ठानों व शुभ कर्मों से है जिससे पूर्वकृत कर्मों का प्रायश्चित हो जाता है।

  • घर में नीले रंग के वस्त्रा, नीले रंग के पर्दे, नीले रंग की चादरें रखें व दीवारों पर भी नीले रंग का प्रयोग करें।
  • लगातार 27 शनिवारों को 7 बादाम और 7 उड़द के दाने किसी धर्म स्थान पर रख के आ जायें।
  • मांस-मदिरा से दूर रहें।
  • शनिवार के दिन यदि किसी की मौत हो जाये तो लकड़ी का दान करें।
  • किसी भी शनिवार को शुरू करके 43 दिनों तक सूर्योदय के समय शनि पर तेल चढ़ाएं।
  • मकान के अंधेरी कोठरी में दक्षिण या पश्चिम के कोने में 12 बादाम कपड़े में बांध कर रखें।
  • पीपल के वृक्ष को गुरुवार या शनिवार को जल दें। 
  • चांदी का चौकोर टुकड़ा सदा अपने पास रखें।
  •  स्नान करते समय पानी में कच्चा दूध डाल कर लकड़ी के पट्टे पर बैठकर नहायें।
  •  यदि चन्द्रमा ठीक न हो तो 500 उड़द में सरसों का तेल लगाकर पानी में प्रवाहित करें।
  • चन्द्रमा प्रतिकूल हो तो 500 ग्राम दूध सोमवार के दिन बहते पानी में प्रवाहित करें और शनिवार के दिन उड़द प्रवाहित करें।
  • साधु-महात्माओं को पीले वस्त्रा का दान दें।
  • घर की छत पर घास व लकड़ियां आदि न रखें।
  • घर के आखिरी हिस्से में अंधेरी कोठरी बनायें।
  • शनिवार का व्रत रखें और तेल से शनि का अभिषेक करें।
  • किसी गरीब लड़की के विवाह में जलावन के लिए कोयले या ईंधन खरीदकर दें।
  • झूठ न बोलें। शराब व मांसाहार से दूर रहें।
  • रोटी के टुकड़ों पर सरसों का तेल चुपड़कर कौओं या कुत्ते को खिलायें।
  • शनिवार के दिन पत्थर के कोयले लंगर पकाने के लिए किसी धार्मिक स्थान में दान दें।
  • लगातार सात शनिवारों को मदार की जड़ में लोहे की सात कीलें चढ़ायें।
  • गौ माता की सेवा करें।
  • पहला घर खाली हो तो शहद से भरा मिट्टी का बर्तन घर में रखें।
  • जब भी घर से कार्य के लिए बाहर निकले तो पानी से भरा घड़ा अपने सामने जरूर रखें।
  • केसर का तिलक नियमित करें।
  • परस्त्राी गमन बरबादी का कारण होता है, अतः इससे दूर रहें।
  • लोहे की वस्तुएं यानी तवा, चिमटा, अंगीठी आदि का दान किसी संत या सज्जन पुरुष को करें।
  • यदि कारोबार में घाटा हो रहा हो तो लगातार 43 दिनों तक कौओं या कुत्तों के लिए रोटी डालें।
  • शनिवार के दिन उड़द के आटे में तिल का तेल मिलाकर लड्डू बनाएं और उन्हें वीरानी भूमि में दबा दें जहां खेती नहीं होती हो।
  • उड़द, बादाम व जटा वाले नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें।
  • लोहे के कटोरे में तिल का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर वह तेल किसी डाकोत को दे दें।
  • लगातार सात शनिवारों को कुष्ठ रोगियों को भोजन दें।
  • लोहे की बासुरी में खांड भरकर किसी वीरान स्थान में दबा दें।