वैदिक ज्योतिष में मंगल राशि परिवर्तन को एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है। मंगल को ग्रहों का सेनापति माना जाता है। मंगल ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक है। मंगल ग्रह का जब किसी राशि पर गोचर होता है तो उस राशि के साथ ही सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। #mangal_ka_rashi_parivartan_2021 #mangalrashiparivartan #mangalrashiparivartan2021
कैसा रहेगा अक्टूबर 2021,12 राशियों का अक्टूबर का राशिफल
11 अक्टूबर 2021 से शनि मार्गी 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव
11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी गुरुवार, 11 मार्च 2021 को मनाई जायेगी। वास्तव में चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2:39 बजे शुरु होगी जो 12 मार्च को दोपहर 3:02 बजे तक रहेगी। कई वर्षों के बाद शनिदेव व बृहस्पतिदेव की युति में महाशिवरात्रि बरसेगा धन, कारोबार में होगा लाभ, बेराजगारों को मिलेगा रोजगार क्योंकि यह है किस्मत कनेक्शन का अद्भुत दिन इस दिन होगा सभी व्यवसायिक समस्याओं का निवारण पारिवारिक कष्टों का छुटकारा मिलेगा इस दिन इस दिन होगा वैवाहिक समस्याओं का निवारण इस दिन मिटेगा आपके जीवन में ढैय्या व साढ़ेसाती का भय, भ्रम व भ्रांति कारोबार में कैसे हो लाभ, कैसे मिले आपको अपना हक, घर में सुख-शांति शिक्षा में सफलता, समाज में वर्चस्व
हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि का महत्व बहुत अधिक होता है। हर माह के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा आती है। यह माघ मास चल रहा है और इस मास यह तिथि 27 फरवरी 2021 दिन शनिवार को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है। इस दिन दान और स्नान समेत व्रत का महत्व भी अधिक होता है।
हम जिस युग में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं इसे कलियुग कहते हैं। कलियुग के अधिष्ठाता श्री शनिदेव की अनुकम्पा से जीवन में आने वाले प्रारब्धजनित कष्टों से बड़ी सरलता से छुटकारा पाया जा सकता है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास बड़े-बड़े अनुष्ठान करने का समय नहीं है जिससे जीवन में सुख-सुविधाओं की उपलब्धि की जा सके । सही मार्ग न मिलने की वजह से हमारी स्थिति न माया मिली न राम वाली हो जाती है।
बसंत पंचमी के दिन बिल्कुल भी न करें ये काम हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
गुप्त नवरात्रि के बारे में जानकारी होने और इसके पीछे छिपे रहस्यमयी कारणों की वजह से ही इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है.
इस वर्ष भारत में दिखाई देने वाला एक मात्र सूर्यग्रहण 21 जून 2020 को सुबह 9:15 बजे से शुरू होगा और दोपहर बाद 03:04 बजे तक रहेगा।
Chandra Grahan June 2020: साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को है। इससे पहले जनवरी में साल का पहला चंद्रग्रहण पड़ा था।
प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी मनाते है। प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है।
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान माना है। पूरे एक वर्ष में चौबीस एकादशियाँ होती हैं। पर जब अधिकमास या मलमास आता है
विद्वानों की मानें तो यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का भारत में प्रभाव नहीं पड़ेगा। आपको बता दें कि जून में दो ग्रहण पड़ रहे हैं।
अक्षय तृतीया का पावन पर्व 26 अप्रैल को मनाया जा रहा है। कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन के कारण देशभर में लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हैं।
आज का दिन बड़ा पावन है. ये वो खास दिन है जब धरती से पाप का नाश करने और आदर्श राज्य की परिकल्पना को सच में बदलने के लिए भगवान श्रीराम प्रकट हुए थे.