नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। मां के इस रूप की सच्चे मन से पूजा करने से रोग दूर होते हैं
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारीणी की पूजा की जाती है। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली
यूं तो पाश्चात्य सभ्यता की तर्ज पर हम नया साल 1 जनवरी को मनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) 1 जनवरी को नहीं बल्कि किसी और दिन मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्र की शुरुआत 6 अप्रैल से हो रही है। इस दिन शनिवार और प्रतिपदा तिथि है। जो कि हिन्दू कैलेण्डर का पहला दिन है। इस साल चैत्र नवरात्र पूरे 9 दिनों के रहेंगे।
नवरात्रो का आरंभ इस वर्ष 6 अप्रैल से हो रहा है। वैसे तो नवरात्र वर्ष में 4 बार आते हैं। मगर 2 नवरात्र गुप्त होते हैं और बाकी के 2 नवरात्र में पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
शनिवार, 6 अप्रैल 2019 से हिंदू नववर्ष यानि नया संवत्सर शुरू हो रहा है। इस संवत्सर का नाम परिधावी है। इसके स्वामी इंद्राग्नि होंगे। नववर्ष के राजा शनिदेव और मंत्री सूर्यदेव रहेंगे।
प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन और परिवार में कई परेशानियां होती हैं। कोई गरीबी से तो कोई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा होता है।
इस साल नवरात्र नौ दिन के होंगे। पिछली साल चैत्र नवरात्र 8 दिन के थे। नवरात्र में तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, एक रवि पुष्य योग भी बन रहा है।