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तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजा-विधि और मनोकामना मंत्र

Submitted by Shanidham

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। मां के इस रूप की सच्चे मन से पूजा करने से रोग दूर होते हैं, शत्रुओं से भय नहीं होता और लंबी आयु का वरदान मिलता है। इसके साथ ही मां आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास और मन पर नियंत्रण भी बढ़ाती हैं। मां चंद्रघंटा शेर पर सवारी करती हैं और इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं। मां के माथे पर चंद्रमा विराजमान है जो उनका रूप और सुंदर बनाता है। इस दिन मणिपुर चक्र को प्रबल करने के लिए साधना की जाती है। मन, कर्म, वचन शुद्ध करके पूजा करने वालों के सब पाप खत्म हो जाते हैं।

ऐसे करें पूजा...

मां को केसर और केवड़ा जल से स्नान करायें। मां को सुनहरे या भूरे रंग के वस्त्र पहनाएं और खुद भी इसी रंग के वस्त्र पहनें। केसर-दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं। मां को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पण करें। पंचामृत, चीनी व मिश्री का भोग लगाएं।

मां का आर्शीवाद पाने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करने से फायदा मिलेगा।
"या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।"

नवरात्रि तीसरा दिन:

आज करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजा का महत्व, नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा का रूप बहुत ही सौम्य है। मां को सुगंधप्रिय है। उनका वाहन सिंह है। उनके दस हाथ हैं। हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। वे आसुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। मां चंद्रघंटा की आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट होता है और उनको सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।

ऐसा है मां का स्वरुप: 
मां दुर्गा के तीसरे स्वरुप का नाम चंद्रघंटा है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा सिंह पर विराजती हैं। मां चंद्रघंटा देवी का स्वरूप सोने के समान कांतिवान है। देवी मां की दस भुजाएं हैं और दसों हाथों में खड्ग, बाण है। मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला रहती है।  पूजन का मंत्र:  

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

किस रंग के पहनें कपड़े और क्या चढ़ाएं प्रसाद: 
देवी चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं को भूरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत प्रिय है और इसीलिए गोल्डन रंग के कपड़े पहनना भी शुभ है। इसके अलावा मां सफेद चीज का भोग जैसै दूध या खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा माता चंद्रघंटा को शहद का भोग भी लगाया जाता है।


देवी पूजा का महत्व  
नवरात्रि में तीसरे दिन इस देवी की पूजा का महत्व है। देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाईं देने लगती हैं। इन क्षणों में साधक को बहुत सावधान रहना चाहिए। इस देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है।