Welcome to Shree Shanidham Trust

इस साल नवरात्र नौ दिन के होंगे। पिछली साल चैत्र नवरात्र 8 दिन के थे। नवरात्र में तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, एक रवि...

Submitted by Shanidham

इस साल नवरात्र नौ दिन के होंगे। पिछली साल चैत्र नवरात्र 8 दिन के थे। नवरात्र में तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, एक रवि पुष्य योग भी बन रहा है। रवि पुष्य योग तंत्र, मंत्र और  यंत्र साधना के लिए विशेष फलदायी होता है। चैत्र नवरात्र 14 अप्रैल तक चलेंगे। मां की आराधना के इस नौ दिवसीय उत्सव में 7 अप्रैल, 9, 10 अप्रैल और 12 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। यह बड़ा योग है। नवरात्र में पूरे चार दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पहली बार बन रहा है। इस बार माता रानी नवरात्र पर अश्व पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आश्विन नवरात्रि की तरह चैत्र नवरात्रि में भी मां दुर्गा के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्र का प्रारंभ शनिवार का होने से माता रानी अश्व पर सवार होकर आएंगी, जो युद्ध का प्रतीक मानी जाती हैं। 

कलश स्थापना से देवी का आह्वान : नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना करके देवी का आह्वान किया जाता है, साथ ही नौ दिनों तक उपवास रख मां दुर्गा की पूजा की जाती है। नौवें दिन कन्या पूजन करके व्रत का पारण किया जाता है। विक्रम संवत 2076 दिनांक 5 अप्रैल, 2019 रेवती नक्षत्र, एेंद्र योग और मीन राशि के चंद्र के समय दोपहर 2:20 बजे कर्क लग्न में प्रारंभ होगी। 

दशमी और एकादशी 15 अप्रैल को मनाएंगे : 6 अप्रैल को सूर्य व्यापिनी प्रतिपदा होने से नवरात्र एवं नव विक्रम वर्ष का प्रारंभ 6 अप्रैल से माना जाएगा। इसी दिन घट स्थापना कर मां भगवती की आराधना की जाएगी। इस दिन से नवरात्र 9 दिन के रहेंगे। दशमी एवं एकादशी तिथि 15 अप्रैल को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कलश स्थापना सुख-समृद्धि का प्रतीक चैत्र नवरात्र के पहले दिन घरों में कलश स्थापना की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कलश को सुख-समृद्धि, वैभव, मंगल कार्यों का प्रतीक माना गया है। कलश स्थापना से पूर्व लोग नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं तत्पश्चात मां दुर्गा की आराधना करते हुए नवरात्र कलश की स्थापना करते हैं और दीप तथा धूप जलाकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। कई परिवारों में इस नवरात्रि पर रामचरित मानस का भी पाठ किया जाता है। रामनवमी पर इसका समापन करते हैं। 

इस संवत्सर का नाम परिधावी संवत्सर रहेगा 

पूरे वर्ष संकल्प में परिधावी संवत्सर का नाम लिया जाएगा। गुड़ी पड़वा प्रतिपदा शनिवार 6 अप्रैल को प्रारंभ होगी। प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 5 अप्रैल शुक्रवार को दिन दोपहर 12:20 बजे हो जाएगी, जो शनिवार को शनिवार को दोपहर 3:23 बजे तक रहेगी। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से शुरू होंगे।