Submitted by Shanidham
By:- Paramahans Daati Maharaj
हम जिस युग में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं इसे कलियुग कहते हैं। कलियुग के अधिष्ठाता श्री शनिदेव की अनुकम्पा से जीवन में आने वाले प्रारब्धजनित कष्टों से बड़ी सरलता से छुटकारा पाया जा सकता है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास बड़े-बड़े अनुष्ठान करने का समय नहीं है जिससे जीवन में सुख-सुविधाओं की उपलब्धि की जा सके। सही मार्ग न मिलने की वजह से हमारी स्थिति न माया मिली न राम वाली हो जाती है। यदि मनुष्य को सही राह मिल जाए तो वह बड़ी आसानी से कष्टों से छुटकारापा कर अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है।
श्री शनिदेव का नाम सुनते ही अधिकाश लोग असहज हो खौफ खाने लगते हैं। भ्रमवश शनिदेव को कुछ लोग क्रूर ग्रह मानते हैं किन्तु ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश या कर्मफल दाता दंडाधिकारी की भूमिका निभाने वाला बताया गया है। श्री शनिदेव को सेवा व कर्म का कारक ग्रह भी बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री शनिदेव का अवतरण ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि शनिवार को हुआ था। यही वजह है कि श्री शनिदेव की अनुकम्पा पाने के लिए शनिवार और अमावस्या तिथि को बहुत श्रेष्ठï सुअवसर माना गया है। मान्यता है कि इस दिन की गयी शनि अनुकूल के उपायों का बहुगुणित फल प्राप्त होता है।
शास्त्रों में शनिदेव को अनुकूल के जो भी उपाय बताए गये हैं उसमें शनि अमावस्या को विधि पूर्व तैलाभिषेक कर व शनि संबंधित वस्तुओं यानी काला चना, काला तिल, गुड़ आदि का दान करने पूर्वकृत कर्मों के फलस्वरूप मिलने वाले कष्टों से शीघ्रातिशीघ्र छुटककारा मिलता है। सभी ग्रहों में शनिदेव को प्रमुख न्यायाधीश ग्रह माना गया है। वे बिना किसी भेद-भाव के उसके कर्मों के फल अवश्य प्रदान करते हैं। जब श्री शनिदेव अनुकूल हो जाते हैं तो संबंधित व्यक्ति को नौकरी में प्रमोशन, बिजनेस में बढ़ोतरी तथा राजनीति के क्षेत्र में कोई बड़ा पद, पदक व प्रतिष्ठ का पाने में सफल होते हैं। लेकिन वक्री अवस्था में शनिदेव संबंधित व्यक्ति को शारीरिक कष्ट, रोग, कर्ज का भार, धन हानि के योग निर्मित करते हैं। याद रहे, वक्री शनि को अनुकूल बनाने के लिए शनि अमावस्या पर उनकका तैलाभिषेक व पूजा-अर्चना, दान आदि बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं।
शनि अमावस्या 13 मार्च 2021 शनिवार को पड़ रही है।
इस अवसर पर दिल्ली के सुप्रसिद्ध मंदिर असोला, फतेहपुर बेरी, महरौली स्थित श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम में भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस पावन अवसर पर आप भी अपने भाग्य को संवारने का लाभ उठा सकते हैं। इस दिन की गयी पूजा-अर्चना, तैलाभिषेक, दान-पुण्य से श्री शनिदेव प्रसन्न होकर आपके जीवन को सुखद, खुशहाल एवं समृद्धि युक्त बनायेंगे। ऐसा हमारे शास्त्रों में वर्णित है।