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महाशिवरात्रि में इन उपायों से व्यवसायिक समस्याओं का होंगा निवारण

Submitted by Shanidham

By:- Paramahans Daati Maharaj 

11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी गुरुवार, 11 मार्च 2021 को मनाई जायेगी।
वास्तव में चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2:39 बजे शुरु होगी
जो 12 मार्च को दोपहर 3:02 बजे तक रहेगी।
कई वर्षों के बाद शनिदेव व बृहस्पतिदेव की युति में महाशिवरात्रि
बरसेगा धन, कारोबार में होगा लाभ, बेराजगारों को मिलेगा रोजगार क्योंकि यह है
किस्मत कनेक्शन का अद्भुत दिन
इस दिन होगा सभी व्यवसायिक समस्याओं का निवारण
पारिवारिक कष्टों का छुटकारा मिलेगा इस दिन
इस दिन होगा वैवाहिक समस्याओं का निवारण
इस दिन मिटेगा आपके जीवन में ढैय्या व साढ़ेसाती का भय, भ्रम व भ्रांति
कारोबार में कैसे हो लाभ,
कैसे मिले आपको अपना हक, घर में सुख-शांति
शिक्षा में सफलता, समाज में वर्चस्व
 
प्र०1 क्या है शिव?
शेते तिष्ठति सर्वं जगत् यस्मिन् स: शिव: शम्भु: विकाररहित: ...।
• अर्थात 'जिसमें सारा जगत् शयन करता है,
• जो विकार रहित हैं वह 'शिव हैं, अथवा जो अमंगल का ह्रास करते हैं,
• वे ही सुखमय, मंगलरूप भगवान् शिव हैं।
• जो सारे जगत् को अपने अंदर लीन कर लेते हैं
• वे ही करुणा सागर भगवान् शिव हैं।
• जो भगवान्ï नित्य, सत्य, जगदाधार, विकार रहित, साक्षीस्वरूप हैं, वे ही शिव हैं।
 
प्र० 2 क्या है शिवरात्रि?
• शिव और शक्ति के पूर्ण समरस होने की रात्रि है।
• शिवरात्रि का अर्थ होता है 'वह रात्रि जो आनन्द देने वाली है और जिसका शिव के नाम के साथ विशेष संबंध है। ऐसी रात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की है, जिसमें शिवपूजा, उपवास और जागरण होता है। उक्त फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि को शिवपूजा करना एक महाव्रत है। अत: उसका नाम महाशिवरात्रि-व्रत पड़ा।
• शिव पुराण के अनुसार ब्रह्मा ने इसी दिन रुद्र रूपी शिव को उत्पन्न किया था।
• इसी दिन शिव व हिमाचल पुत्री पार्वती का विवाह हुआ था।
• शिव-शक्ति का प्रतीक ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव भी इसी दिन हुआ था।
 
कैसे करें पूजा?
पूजा का काल निर्धारण:-
जिस दिन अद्र्घरात्रि में त्रयोदशी हो उसी दिन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए।
 
व्रत विधान:-
• त्रयोदशी के दिन एक समय भोजन ग्रहण करके चतुर्दशी को व्रत करना चाहिए।
• उस दिन प्रदोष काल या रात्रि में जल में गंगाजल व काले तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
• तत्पश्चात दूध, दही घी, शक्कर, शहद पंचामृत से अभिषेक करें तो बात ही कुछ और है।
• अभिषेक के उपरांत पर शिवलिंग पर बेलपत्र, मदार के पुष्प, भांग, धतूरे का फल अर्पित करें तो आपके लिए बहुत ही अच्छा रहेगा।
 
प्र० 3 शिव रात्रि व्रत-उपवास का तात्विक अर्थ क्या है?
• शास्त्रों के अनुसार जिस कर्म द्वारा भगवान का सान्निध्य होता है वही व्रत है।
• उपवास क्या है? जीवात्मा का शिव के समीप वास ही 'उपवास कहा जाता है।
• महाशिव रात्रि के दिन श्रद्घा भाव से जो इस व्रत को संपन्न करता है
• संपूर्ण का पापों का क्षय होता है। और इस व्रत को लगातार 14 वर्ष करने से शिव लोक की प्राप्ति होती है।
 
प्र० 4 भगवान शिव को सर्वाधिक प्रिय क्या और क्या है व्रत की सामग्री?
• अखण्ड बिल्वपत्र भगवान शिव को अत्यन्त प्रिय है।
• जो श्रद्धापूर्वक नम: शिवाय मंत्र जाप करते हुए शिव लिंग पर बेलपत्र अर्पित करता है
• वह सभी पापों से मुक्त हो शिव के परमधाम में स्थान पाता है।
• यहाँ तक कि बिल्वपत्र के दर्शन, स्पर्श व वंदना से ही दिन-रात के किये पापों से छुटकारा मिल जाता है।
• इसके अलावा भगवन् भोलेनाथ को आक-धतूरा विजया भांग आदि भी अति प्रिय हैं।
• पत्र, पुष्प, फल अथवा स्वच्छ जल तथा कनेर से भी भगवान् शिव की पूजा करके मनुष्य उन्हीं के समान हो जाता है। आक (मदार) का फूल कनेर से दसगुना श्रेष्ठ माना गया है।
• आक के फूल से भी दस गुना श्रेष्ठ है धतूरे आदि का फल। नील कमल एक हजार कचनार से भी श्रेष्ठ माना गया है।
 
21 प्रकार के शिवलिंग
  • 1. चंदन और कस्तूरी से बने शिवलिंग की पूजा करने से शिव की साक्षात प्राप्ति होती है।
  • 2. फूलों से बने शिवलिंग की पूजा करने से जमीन-जायदाद, चल-अचल संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • 3. चावल, जौ और गेहूं के आटा बराबर मात्रा में लेकर आटे का शिवलिंग बनाकर पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  • 4. मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होता है।
  • 5. चीनी की चाशनी से बने शिवलिंग की पूजा करने से पारिवारिक सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
  • 6. बांस के अंकुर से बने शिवलिंग की पूजा करने से पारिवारिक सुख और वंश वृद्घि होती है।
  • 7. दही को कपड़े में बांधकर निचोडऩे के बाद जो पदार्थ बचता है उसका शिवलिंग बनाकर पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
  • 8. गुड़ में अन्न चिपका कर शिवलिंग बनाने से व्यापार में लाभ होता है।
  • 9. किसी भी फल को शिवलिंग का रूप देकर पूजन करने से मित्रों से लाभ मिलता है।
  • 10. वृक्षों के पत्तो को पीसकर बनाये गए शिवलिंग की पूजा करने से दांपत्य सुख में वृद्घि व सौभाग्य में लाभ मिलता है।
  • 11. आंवलों को पीसकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलता है। और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • 12. दूर्वा को शिवलिंग का आकार गूंथकर पूजा करने से दुर्घटना एवं अनावश्यक भय से पीछा छुटता है।
  • 13. कपूर से बने शिवलिंग का पूजन करने से इष्ट का सान्निध्य प्राप्त होता है।
  • 14. लोहे से बने शिवलिंग की पूजा करने से कार्य सिद्घि प्राप्त होती है।
  • 15. मोती के शिवलिंग की पूजा करने से मनोनुकूल जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
  • 16. सोने से बने शिवलिंग की पूजा करने से धन धान्य में वृद्घि होती है।
  • 17. चांदी से बने शिवलिंग की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्घि होती है।
  • 18. पीतल से बने शिवलिंग की पूजा करने से कॅरियर संबंधी परेशानियों का निवारण होता है।
  • 19. लहुसनिया से बने शिवलिंग की पूजा करने से संपूर्ण मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
  • 20. स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा करने से हर क्षेत्र में विजय मिलती है।
  • 21. पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से संपूर्ण पापों का नाश, सर्व कामनाओं की पूर्ति और शिव का सान्निध्य प्राप्त होता है।
  • कैसे मनाएं महाशिवरात्रि के दिन भोले को कि भर जाये झोलियां धन से
 
मेष राशि:-
• मेष राशि वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन जल में दूध एवं शहद मिलाकर शिव गायत्री का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
• अभिषेक के बाद लाल चंदन से तिलक करें और लाल चंदन से 108 बेलपत्र पर ॐ  नम: शिवाय लिख कर बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करें।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  वीरभद्राय नम: मंत्र की एक माला का जाप करें।
 
वृष राशि:-
• वृषभ राशि वाले लोगों को पंचाक्षरी मंत्र या ॐ  भीमाय नम: मंत्र का जाप करते हुए दही और गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
• इससे उनके जीवन की संपूर्ण कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
• अभिषेक के उपरांत इस ॐ  विश्वेश्वराय नम: मंत्र की दो माला जाप करें।
 
मिथुन राशि:-
• मिथुन राशि राशि वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध, घी और शहद से पाशुपत स्तोत्र या ॐ  कालकालाय नम: मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करें
• तो उत्तम फलों की प्राप्ति होगी। यदि यह पूजा प्रत्येक सोमवार को जारी रखें
• तो जीवन में कभी भी समस्या नहीं आएगी।
• अभिषेक के उपरांत इस मंत्र की पांच माला जाप करें।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  गंगाधराय नम:। मंत्र की दो माला का जाप करें।
 
कर्क राशि:-
• कर्क राशि का राशि अधिपति चंद्र है।
• चंद्रमा भगवान शिवजी के मस्तिष्क पर शोभित है और उनका प्रिय अलंकार भी है।
• कर्क राशि वालों को जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या में आयें
• तो उन्हें समस्या से मुक्ति पाने के लिये महाशिवरात्रि में शिवलिंग को शुद्ध घी से ॐ  महेश्वराय नम:मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  चंद्रमौलीश्वर नम:मंत्र की पांच माला का जाप करें।
 
सिंह राशि:-
• सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। जो कि अपूर्व तेज प्रभाव का मालिक है।
• यही कारण है कि सिंह राशि वाले लोग हमेशा नेतृत्व में आगे रहते हैं।
• यदि सिंह राशि के लोग कारोबार, परिवार, राजनीति या स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं
• तो उन्हें महाशिवरात्रि में शिवलिंग कोजल में दूध, दही, गंगाजल व मिश्री मिलाकर
जटाधराय नम: इस मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
• ऐसा करने से उनके पास कभी भी समस्या नहीं आएगी।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  विरूपाक्षाय नम:। मंत्र की तीन माला का जाप करें।
 
कन्या राशि:-
• कन्या राशि वाले महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर शहद में केसर घोल कर शिवलिंग पर तिलक करें
• और ॐ  शूलपाणये नम: मंत्र का जाप करते हुए शहद से अभिषेक करें।
• आर्थिक समस्याओं का निवारण हो जाएगा।
• शहद से स्नान कराते समय ॐ  नम: शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ  नम: इस मंत्र का भी जाप करें
• तो और अधिक अनुकूलता प्राप्त होगी। परिवार, व्यापार और स्वास्थ्य में लाभ होगा।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  विष्णु वल्लभाय नम: मंत्र की पांच माला का जाप करें।
 
तुला राशि:-
• तुला राशि के जातक-जातिकाओं को अपने कार्य में सफलता के लिए
• शिवलिंग पर सफेद चंदन से ॐ  तत्पश्चात बेलपत्र के ऊपर सफेद चंदन से ॐ  लिखें।
• जल से हर-हर महादेव का जाप करते हुए जलाभिषेक करें।
• पुन: सफेद चंदन से भगवान शिव के त्रिपुण्ड बनाएं और हरसिंगार का इत्र लगायें।
• इस प्रकार का अभिषेक करने से आपकी जीवन की सारी समस्याओं का निवारण होगा। व्यापार वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा और परिवार में सुख-शांति रहेगी।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  शशिशेखराय नम:। मंत्र की दो माला का जाप करें।
 
वृश्चिक राशि:-
• वृश्चिक राशि वाले लोग शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर पूजा करते समय लाल चंदन से शं लिखें
• और फिर उसी लाल चंदन से 108 बेलपत्र पर ॐ  शं लिखें
• शंकराय नम: का जाप करते हुए इन बेलपत्रों को शिवलिंग पर अर्पित करें
• और जल में कच्चा दूध और लाल चंदन मिला कर शिव का अभिषेक करें।
• अभिषेक के बाद इस मंत्र ॐ  शम्भवे नम: मंत्र की तीन माला का जाप करें।
 
धनु राशि:-
• धनु राशि वालों को शिवरात्रि पर शिवलिंग को कच्चे दूध में केशर व तीर्थजल मिलाकर स्नान कराना चाहिये।
• स्नान के बाद केशर व हल्दी से तिलक करें।
• पीले पुष्प व नागकेशर के साथ केशर के रेशे अर्पित करें।
• स्नान कराते समय ॐ  नमो शिवाय गुरु देवाय नम: ॐ  का जाप करना चाहिये।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  मृत्युंजाय नम:। मंत्र की दो माला का जाप करें।
 
मकर राशि:-
• मकर राशि वाले लोगों को महाशिवरात्रि में घी, शहद, शक्कर और बादाम के तेल से महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करें।
• उसके बाद पुन: जल स्नान कराने के बाद केसर से तिलक करें और 108 बार ॐ   शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करते हुए
• सरसों के तेल से पुन: अभिषेक करना चाहिए।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  नीललोहिताय नम:। मंत्र की एक माला का जाप करें।
 
कुंभ राशि:-
• कुंभ राशि वाले लोगों को महाशिवरात्रि के दिन नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं, छाया मार्तण्ड सम्भूतं तम नमामी शनैश्चरं। मंत्र का जाप करते हुए
• सरसों के तेल से शिवलिंग पर तैलाभिषेक करना  चाहिए।
• ऐसा करने से जीवन में सारी समस्यों का निवारण होगा।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  शितिकण्ठाय नम:। मंत्र की तीन माला का जाप करें।
 
मीन राशि:-
• मीन राशि वाले लोगों को महा शिव रात्रि के दिन शिवलिंग पर
• कच्चे दूध में केशर, गुड़ व हल्दी मिलाकर ॐ  नम: शिवाय ॐ   ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम: ॐ  नम: शिवाय। मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
• अभिषेक के बाद केशर व हल्दी से तिलक करें और पीले पुष्प अर्पित करें।
• इस पूजन से कभी आर्थिक समस्या आड़े नहीं आती। जातक को सदैव संकटों से मुक्ति प्राप्त होती हैं।
• अभिषेक के बाद इस ॐ  प्रज्ञापतये नम:। मंत्र की एक माला का जाप करें।