अमावस्या तिथि विशेष प्रभाव की तिथि मानी जाती है. इस दिन स्नान, दान और पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. अगर यह अमावस्या शनिवार को पड़ जाती है तो यह और भी फलदायी हो जाती है. शनि अमावस्या पर विशेष प्रयोगों से शनि की कृपा आसानी से मिल सकती है. ख़ास तौर से रोजगार और नौकरी की समस्याएं आसानी से दूर हो सकती हैं
इस दिन किस तरह करें शनि देव का पूजन?
- - शनि देव की पूजा प्रदोष काल या रात्रि में करें.
- - चाहें तो इस दिन व्रत भी रख सकते हैं.
- - पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- - इसके बाद शनि चालीसा या शनि मंत्र का जाप करें.
- - किसी निर्धन को खाने पीने की चीज़ों का दान करें.
- - शनिदेव के दर्शन करके कृपा पाने की प्रार्थना करें.
- नौकरी या रोजगार पाने के लिए इस दिन क्या करें?
- - सायंकाल पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- - इसके बाद "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें.
- - एक काला धागा पीपल वृक्ष की डाल में बांध दें.
- - इसमें तीन गांठ लगाएं.
जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए क्या करें?
- - एक कटोरी में सरसों का तेल ले लें.
- - उसमे बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली डालकर शनि मंत्र का जाप करें.
- - मंत्र होगा - "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"
- - इस दिन शनि मंदिर में जाके तेलाभिषेक जरुर करें
साढ़े साती और ढैया से बचने का उपाय-
- - एक लोहे का छल्ला ले आएं.
- - उसे शनिवार की सुबह सरसों के तेल में डुबा कर रख दें.
- - शाम को शनिदेव के मन्त्रों का जाप करें.
- - उनकी विधिवत आरती करें.
- - इसके बाद लोहे के छल्ले को बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें.
शनिदेव की पूजा में क्या-क्या सावधानी रखें?
- - सरसों के तेल की बर्बादी न करें.
- - निर्धनों की सेवा और दान जरूर करें.
- - जहां तक हो सके आचरण उत्तम रखें.