Submitted by Shanidham
3 जून को शनि जयंती है। इसी दिन सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी है। इसलिए यह दिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काफी खास माना जा रहा है।
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ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में इसे 'शनि जयंती' के नाम से जानते हैं। इस वर्ष 3 जून 2019, दिन सोमवार को शनि जयंती का पर्व है। सोमवार के दिन अमावस्या तिथि आने से इस दिन सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी। साथ ही यह दिन वट सावित्री व्रत का ही है। इस तरह से 3 जून का दिन इस बार हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शनि जयंती तिथि, महत्व (Shani Jayanti 2019 Date, time, significance, vrat, puja)
कर्मफल दाता शनि देव के जन्मोत्सव को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। 3 जून को मनाई जाने वाली शनि जयंती पर लोग शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। इस दिन अमावस्या होने से व्रत भी किया जाता है। शनि मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि संबंधी दोष चल रहा हो उन्हें इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, शास्त्रीय उपाय आदि अवश्य ही करने चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में शनि दोषों को शांत करते हैं।
शनि जयंती पूजा विधि (Shani Jayanti Puja Vidhi in Hindi)
शनि जयंती के दिन पूरे विधि- विधान से शनि देव का पूजन किया जाता है। शनि देव की पूजा करते समय विशेष ध्यान देना अनिवार्य होता है। माना जाता है कि यदि शनि देव क्रोधित हो जाते हैं तो घर की सुख-शांति भंग हो जाती है।
शनि जयंती के दिन पूजा-पाठ करके काला कपड़ा या दाल तथा लोहे की वस्तु दान करने से शनि देव सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तिल, उड़द, मूंगफली का तेल, काली मिर्च, आचार, लौंग, काले नमक आदि का प्रयोग करना चाहिए।शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अर्पित करें ये चीजें:
1) तेल: शनि जयंती, शनि अमावस्या या हर शनिवार की सुबह एक कटोरी में सरसों का तेल डालें। इस तेल में सुबह अपना चेहरा देखें। शाम सूरज ढलने पर यह तेल शनि की मूर्ति पर डालें
2) नीले फूल: पूजा के दौरान या फिर शनि मंदिर जाकर शनि देव को नीले फूल अर्पित करें। नीले फूलों का पूजा में इस्तेमाल करने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं
3) जल: तांबे के लोटे में सुबह जल भरकर रख दें। शाम को सूरज ढलने पर इस जल को पीपल के पेड़ की जड़ों में अर्पित कर दें। हिन्दू मन्यातानुसार पीपल में शनि देव का वास होता है। इसलिए इसकी पूजा या जल अर्पित करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं
शनि जयंती का पर्व पूर देश भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग शनि देव को विशेष पूजन द्वारा खुश करने का प्रयास करते हैं। वर्ष 2019 में शनि जयंती का पर्व जून माह की 3 तारीख को मनाया जाएगा।
शनि जयंती से जुड़ी एक कथा (Shani Jayanti Katha in Hindi)
'स्कन्द पुराण' की एक कथा के अनुसार सूर्य देव का विवाह राजा दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ था। सूर्य देव को संज्ञा से तीन पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। सूर्य देव ने उनका नाम यम, यमुना और मनु रखा। संज्ञा शनि देव के तेज को अधिक समय तक नहीं सहन कर पायी। इसलिए उसने अपनी छाया को सूर्य देव के पास छोड़ दिया और वहां से चली गईं। कुछ समय बाद सूर्य देव से छाया को एक पुत्र की प्राप्ति हुई जिन्हें शनि देव के नाम से जाना गया।
शनि देव को लगाएं यह भोग
भगवान शनिदेव को श्याम यानि काली वस्तुओं से अत्यधिक प्रेम होता है। शनिदेव की पूजा में काले तिल, उड़द की दाल आदि का भोग लगाया जाता है। शनि जयंती के अवसर पर आइयें आपको बनाना सिखाते हैं मीठी पुड़ी और उड़द की दाल की खिचड़ी बनाने की विधि। इन दोनों व्यंजनों को आप भगवान शनिदेव को भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं।