मास की पूर्णिमा को बुध पूर्णिमा के रूप में मनाए जाने की परंपरा है। इस साल यह पूर्णिमा 18 मई को पड़ रही है। इस पूर्णिमा को बेहद शुभ और महत्व पूर्ण माना जाता है। महात्माध बुद्ध के रूप में इस दिन भगवान विष्णुु के 9वें अवतार हुए थे। इस वजह से बुद्ध पूर्णिमा का पौराणिक महत्वव भी माना जाता है। ज्योतिष की दृष्टि से इस साल बुद्ध पूर्णिमा को और भी शुभ माना जा रहा है। बुद्ध पूर्णिमा पर इस साल समसप्तइक संयोग बनने के कारण इसका महत्वा और बढ़ गया है। आइए जानते हैं क्यात है समसप्क बन राजयोग और बुद्ध पूर्णिमा पर क्याग करना होता है इस साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन समसप्तिक योग बनने से यह दिन और भी मंगलकारी माना जा रहा है। समसप्तकक योग में शुभ कार्यों के स्वामी देवगुरु बृहस्पति व नवग्रहों के राजा सूर्यदेव आमने-सामने रहेंगे। इन दोनों के आमने-सामने होने से समसप्तक राजयोग बनेगा। समसप्तक राजयोग होने के कारण 18 मई को सभी कार्यों में स्थायित्व के साथ उन्नति होगी। इस शुभ अवसर पर भूमि, भवन और वाहन की खरीद के साथ ही पदभार ग्रहण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। नए काम की शुरुआत के लिए भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है।
- वैशाख पूर्णिमा पर गंगा में स्नाशन का भी महत्वन बताया गया है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा घाट पर स्नान करने से कई तरह के पाप से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति व्याप्त होती है। इस दिन देश के कई स्था नों धार्मिक आयोजनों के साथ मेला भी लगता है।
- बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा और सिद्ध विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। एक मान्यखता है के अनुसार भगवान कृष्णू के परममित्र और बचपन के सखा सुदामा जब उनसे मिलने द्वारिका पहुंचे थे तो श्रीकृष्णण ने उन्हेंप वैशाख पूर्णिमा के व्रत व विधान को बताया था। दिन भर उपवास रखकर शाम को पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
- इस दिन शास्त्री य पद्धति से भगवान विष्णुभ की पूजा करने का महत्वह बताया गया है। सुगंधित पदार्थों से श्री हरि का पूजन और भोग लगाना चाहिए। वहीं इस दिन अन्नस का दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गरीबों की मदद के साथ किसी गरीब कन्याी के विवाह में भी सहायता करने से पुण्यग की प्राप्ति होती है।
- हिंदू धर्म को मानने वाले जहां इस दिन पूर्णिमा का व्रत व उपवास करते हैं। तो दूसरी ओर बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन महात्मा बुद्ध की जयन्ती मनाते हैं। इस कारण से दोनों समुदायों के लिए यह दिन बहुत विशेष होता है। इस दिन भगवान बुद्ध को बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस दिन महापरिनिर्वाण समारोह भी मनाया जाता है।
- सनातन धर्म में ज्योतिष गणना, शुभ मुहूर्त और विशेष दिन जैसे पूर्णिमा और अमावस्या का विशेष ध्यान दिया जाता है। वैशाख मास की पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा को एक साथ मनाए जाने की परंपरा है। इस बार 18 मई की वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा पर बड़ा ही शुभ संयोग बन रहा है। बैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के अवतार गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
- पूर्णिमा पर ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं जिसको करने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का अंत हो जाता है। चंद्रमा को शीतलता का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस योग में दूध और शहद के उपाय से धन, मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
- पूर्णिमा की तिथि पर सुबह स्नान के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजन करने के बाद दिनभर अपने मन में ऊं सोम सोमाय नम: के मंत्र का जप करें।
- पूर्णिमा की रात को कच्चे दूध में पूजा के उपयोग में लाने वाले शहद और चंदन को मिलाकर उसमें अपनी छाया देखें फिर चंद्रमा को अर्घ्य दें।