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Akshaya Tritiya 2019: अक्षय तृतीया आज, जानें दान और पूजा का महत्व

Submitted by Shanidham

सनातन धर्म में वैशाख शुक्ल तृतीया का मान अक्षय तृतीया के रूप में है। तृतीया तिथि छह-सात मई की भोर 3.22 बजे लग रही है जो सात-आठ मई की भोर 2.20 बजे तक रहेगी। इस बार यह तिथि बेहद शुभ संयोग संजोए है। अक्षय तृतीया को आखा तीज कहा जाता है। अक्षय तृतीया के अलावा देवउठनी एकादशी, वसंत पंचमी और भड़ली नवमी को भी अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
अक्षय तृतीया को लेकर ये है मान्याता
पुराणों में ऐसा कहा गया है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। वहीं, इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। इस दिन महादेव ने भी माता लक्ष्मी की पूजा करने की राय दी थी, जिसके बाद से अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन त्रेता युग का भी आरंभ हुआ था।
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
अभिजीत- 11:51 सुबह से 12:43 शाम
अमृतकाल- 01:17 सुबह से 02:52 शाम
विजय मुहुर्त- 02:31 सुबह से 03:24 शाम
क्या है अक्षय तृतीया का महत्व
इस तिथि पर सूर्य और चंद्र अपनी उच्च राशि में होते हैं। इसलिए इस दिन शादी, कारोबार की शुरूआत और गृह प्रवेश करने जैसे- मांगलिक काम बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि शादी के लिए जिन लोगों के ग्रह-नक्षत्रों का मिलान नहीं होता या मुहूर्त नहीं निकल पाता, उनको इस शुभ तिथि पर दोष नहीं लगता व निर्विघ्न विवाह कर सकते हैं।
खरीदा जाता है सोना
अक्षय तृतीया के दिन सोना अथवा चांदी के आभूषण खरीदने का विधान है। कई लोग घर में तरक्की के लिए इस दिन सोने या चांदी की लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखते हैं और उसकी नियमित पूजा करते हैं। इस दिन पितरों की प्रसन्नता और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए किसी ब्राह्मण को जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि दान करने चाहिए। इस दिन लोग शादी-विवाह का विशेष आयोजन करते हैं।
दान का महत्व
मान्याता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्यइ कई गुना बढ़ा जाता है। इस दिन घी, शक्कयर, अनाज, फल-सब्जी , इमली, कपड़े और सोने-चांदी का दान करना चाहिए।

अक्षय तृतीया पर राशि अनुरूप पूजा एवं लाभ
1. मेष- इस राशि का स्वामीग्रह मंगल है। सुंदरकांड का पाठ करें। स्वर्ण खरीदें। गेहूं का दान करने से मंगल संबंधित दोष दूर होंगे।
2. वृष- इस राशि का स्वामीग्रह शुक्र है। श्री सूक्त का पाठ करें। सोने चांदी के सामान खरीदें। चावल का दान करें। संपन्नता आएगी।
3. मिथुन- इस राशि का स्वामीग्रह बुध है। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। गो माता की पालक खिलाएं। धन में वृद्धि होगी।
4. कर्क- इस राशि का स्वामीग्रह चंद्रमा है। शिव उपासना करें। रुद्राभिषेक कराएं। सुख तथा संपन्नता में वृद्धि होगी।
5. सिंह- इस राशि का स्वामीग्रह सूर्य है। स्वर्ण खरीदें। श्री आदित्यहृदयसोत्र का पाठ करें। यश तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
6. कन्या- इस राशि का स्वामीग्रह बुध है। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। यश तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
7. तुला- इस राशि का स्वामीग्रह शुक्र है। श्री सूक्त का पाठ करें। चांदी खरीदें।सुख तथा समृद्धि बढ़ेगी।
8. वृश्चिक- इस राशि का स्वामीग्रह मंगल है। बजरंगबाण का पाठ करें । कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
9. धनु- इस राशि का स्वामीग्रह गुरु है। श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। स्वर्ण खरीदें। मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
10. मकर- इस राशि का स्वामीग्रह शनि है। हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ कीजिये। शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
11. कुंभ- इस राशि का स्वामीग्रह शनि है। शनि के बीज मंत्र का जप करें। हनुमान बाहुक का पाठ करें। आरोग्यता प्राप्त होगी।
12. मीन - इस राशि का स्वामीग्रह गुरु है। श्री रामचरित मानस के अरण्यकाण्ड का पाठ करें। यश तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।