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साल 2020 के ग्रहण

Submitted by Shanidham

5 जून 2020 चंद्र ग्रहण
रात्रि को 11 बजकर 15 मिनट से  6 जून को 2 बजकर 34 मिनट तक
कहां दिखाई देगा:  यूरोप, अफ्रीक, एशिया और ऑस्ट्रेलिया  
• 21 जून 2020 सूर्य ग्रहण
21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से  दोपहर 15 बजकर 03 मिनट तक
भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया 
• 5 जुलाई 2020 चंद्र ग्रहण
सुबह 08 बजकर 37 मिनट से 11 बजकर 22 मिनट तक
अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका
• विद्वानों की मानें तो यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का भारत में प्रभाव नहीं पड़ेगा। आपको बता दें कि जून में दो ग्रहण पड़ रहे हैं। एक 5 जून को और दूसरा सूर्य ग्रहण 21 जून को होगा। 21 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका प्रभाव भी भारत में पड़ेगा। इसके बाद जुलाई में फिर एक चंद्र ग्रहण पड़ेगा। 21 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री होंगे। कई दशक बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब एक साथ छह ग्रह सूर्य ग्रहण पर वक्री होंगे। ज्योतिष इसे बिल्कुल भी शुभ नहीं मान रहे हैं। ग्रहण काल का समय 21 जून को स्पर्श 10.30 मध्य 12.17 और मोक्ष 2.04 बजे दिन में है। सूर्य ग्रहण लगभग साढ़े तीन घंटे का होगा।
• खासकर इस साल के सूर्य ग्रहण पर अधिकतर ज्योतिषियों की नजरें हैं क्योंकि यह ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। 21 जून को लगने वाले ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा। इस साल पड़ने वाले ग्रहण बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। क्योंकि ज्योतिषियों के अनुसार इन ग्रहण से मिथुन राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। उस समय कुल छह ग्रह वक्री होंगे जो अच्छा संकेत नहीं हैं। कहा जा रहा है कि ग्रहण के कारण ग्रहों की ऐसी स्थिति विश्व भर के लिए चिंताजनक मानी जा रही है।
• जून में दो और जुलाई में एक ग्रहण होगा। 5 जून को चंद्र ग्रहण, 21 जून को सूर्य ग्रहण और 5 जुलाई को फिर से ग्रहण होगा। अनुसार इस समय शनि मकर राशि में वक्री है। इस साल से पहले 1962 में ऐसा योग बना था। उस समय भी शनि मकर राशि में वक्री था और लगातार तीन ग्रहण हुए थे। 5 जून को ज्येष्ठ की मास की पूर्णिमा है। 21 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या है। 5 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा है। इन तीनों तिथियों पर ग्रहण होंगे। हिन्दी पंचांग के अनुसार एक ही माह में तीन ग्रहण होने वाले हैं।
• पहले 1962 में 17 जुलाई को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 15 अगस्त को पुन: चंद्र ग्रहण हुआ था। उस समय भी शनि मकर राशि में वक्री था। इस साल 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में रहेंगा, लेकिन दिन में होने से यह दिखाई नहीं देगा। 5 जून एवं 5 जुलाई के दोनों चंद्र ग्रहण हैं, अत: इनका कोई भी धार्मिक असर मान्य नहीं होगा। किसी भी राशि पर भी इन दोनों चंद्र ग्रहण का असर नहीं होगा।
• 21 जून का सूर्य ग्रहण दिखेगा भारत में
• 21 जून को खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा। ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रिका और यूरोप कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा। ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.14 मिनट पर, ग्रहण का मध्य 11.56 मिनट पर और ग्रहण का मोक्ष 1.38 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.14 मिनट से आरंभ हो जाएगा। सूतक जो 21 जून की दोपहर 1.38 तक रहेगा। इस वर्ष का यह एक मात्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखेगा और इसका धार्मिक असर भी मान्य होगा। ये ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में और मिथुन राशि में लगेगा। इस संबंध में बृहत्संहिता राहुचाराध्याय में लिखा है कि-
• मिथुने प्रवरागंना नृपा नृपमात्रा बलिन: कलाविद:।
• यमुनातटजा: सबाह्लिका मत्स्या: सुह्यजनै: समन्वित:।।
• इस श्लोक के अनुसार जब मिथुन राशि में सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है तो उच्च पदों पर स्थित महिलाएं, राजा, मंत्री, कला क्षेत्र में काम करने वाले, यमुना नदी के किनारे पर निवास करने वाले, वरिष्ठ लोगों को, मध्य देश, साकेता, मिथिला, चंपा, कौशांबी, कौशिकी, गया, विंध्य में निवास करने वाले लोगों के लिए समय कष्टकारी होता है।
प्राकृतिक आपदा आने के योग
• मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल है। मकर राशि में स्थित वक्री शनि की पूर्ण तृतीय दृष्टि, मीन राशि में स्थित मंगल पर पड़ रही है, मंगल की सूर्य पर दृष्टि और शनि-गुरु की युति है। ग्रहों की ये स्थिति बड़े भूकंपन का कारण बन सकती है। इसके साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदा आने के भी योग बन सकते हैं।
• सभी राशियों पर ग्रहण का असर
• मेष, सिंह, कन्या, कुंभ राशि के लिए सूर्य ग्रहण शुभ फल देने की स्थिति में रहेगा। इन लोगों को भाग्य का साथ मिल सकता है। वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के लोगों को सतर्क रहकर काम करना होगा। इन लोगों के लिए बाधाएं बढ़ सकती हैं।