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Chaitra Navratri 2020 : मां शैलपुत्री को समर्पित है नवरात्र का पहला दिन, पौराणिक कहानी में जानें किस देवी का अवतार है माता

Submitted by Shanidham

मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है. दुनिया में सारी शक्तियां नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही हैं, इसलिए नवरात्र में देवी की उपासना की जाती है. नवरात्र के प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जाती है.
 Chaitra Navratri 2020 : मां शैलपुत्री को समर्पित है नवरात्र का पहला दिन, पौराणिक कहानी में जानें किस देवी का अवतार है माता नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा  के प्रथम रूप शैलपुत्री (Shailputri) का पूजन किया जाता है। मान्य्ता है कि शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं। नवरात्रि में शैलपुत्री पूजन का विशेष महत्व् है। हिन्दू् पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इनके पूजन से मूलाधार चक्र जाग्रत हो जाता है। कहते हैं कि जो भी भक्ता श्रद्धा भाव से मां की पूजा करता है उसे सुख और सिद्धि की प्राप्ति होती है
 कौन हैं मां शैलपुत्री?
पौराणिक कथा के अनुसार मां शैलपुत्री अपने पिछले जन्म में भगवान शिव की अर्धांगिनी (सती) और दक्ष की पुत्री थीं। एक बार जब दक्ष ने महायज्ञ का आयोजन कराया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया, परंतु भगवान शंकर को नहीं बुलाया गया। उधर, सती यज्ञ में जाने के लिए व्याकुल हो रही थीं। शिवजी ने उनसे कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है लेकिन उन्हें नहीं; ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है। सती का प्रबल आग्रह देखकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो वहां उन्होंने भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव देखा। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक शब्द कहे। इससे सती के मन में बहुत पीड़ा हुई। वे अपने पति का अपमान सह न सकीं और यज्ञ की अग्निा से स्वयं को जलाकर भस्म कर लिया। इस दारुण दुःख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने उस यज्ञ को विध्वंस कर दिया। फिर यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं।
कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा
- नवरात्रि के पहले दिन स्नान करने के बाद स्वैच्छक वस्त्र  धारण करें।
- पूजा के समय पीले रंग के वस्त्रर पहनना शुभ माना जाता है। 
- शुभ मुहूर्त में कलश स्थावपना करने के साथ व्रत का संकल्पव लिया जाता है।
- कलश स्थारपना के बाद मां शैलपुत्री का ध्यावन करें। 
- मां शैलपुत्री को घी अर्पित करें। मान्याता है कि ऐसा करने से आरोग्य। मिलता है। 
- नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री का ध्यातन मंत्र पढ़ने के बाद  स्तोत्र पाठ और कवच पढ़ना चाहिए। 
- शाम के समय मां शैलपुत्री की आरती कर प्रसाद बांटें। 
- फिर अपना व्रत खोलें।
नाम यश और अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिए क्या करें?
- रात्रि के समय लाल वस्त्र धारण करें.
- देवी को लाल फूल और लाल फल अर्पित करें.
- देवी को ताम्बे का सिक्का भी अर्पित करें.
- इसके बाद पहले देवी के मंत्र "ॐ दुं दुर्गाय नमः " का जाप करें.
- फिर सूर्य के मंत्र "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" का कम से कम तीन माला जाप करें.
- ताम्बे का छल्ला, अनामिका अंगुली में धारण करें.
मां दुर्गा की बरसेगी विशेष कृपा
- नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा लाल फूलों से करें.
- इससे मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
नवदुर्गा के नौ प्रसाद-
- पहले दिन देवी को गाय के शुद्ध घी का भोग लगाना चाहिए.
- इस भोग को ग्रहण करने से उत्तम स्वास्थ्य का वरदान मिलता है.
- साथ ही व्यक्ति को अपार मान-सम्मान भी मिलता है.
मालामाल कर देंगे नवरात्र
- नवरात्रि में मां दुर्गा के समक्ष एक अखंड घी का दीपक जलाएं.
- इससे धन संबंधी कष्टों से निजात मिलेगी.
नवरात्र का महामंत्र-
- "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे" ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
- इस मंत्र का जप नवरात्रि के पहले दिन जरूर करें.
- मंत्र का जप रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला से करें.