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Chandra Grahan 2020: 10 जनवरी को चंद्र ग्रहण, क्या है समय?? क्या लगेगा इस ग्रहण का सूतक??

Submitted by Shanidham

Chandra Grahan 2020:10 जनवरी के चंद्र ग्रहण को लोग कंफ्यूज हैं कि इस चंद्र ग्रहण पर सूतक लगेंगे या नहीं। दरअसल 10 जनवरी को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। धर्मशास्त्र में इसे माद्य ग्रहण कहते हैं। इस ग्रहण में चंद्रमा पर ग्रहण नहीं लगता बल्कि इसका बिंब धुंधला हो जाता है। यह चंद्र ग्रहण दूसरे चंद्र ग्रहण से काफी कमजोर होगा। इसलिए ज्योतिषियों का कहना है कि भारत में इस ग्रहण का असर न के बराबर होगा। इस ग्रहण पर सूतक नहीं लगेंगे और मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं होंगो। धार्मिक  जानकारों के अनुसार इस ग्रहण को ग्रहण की कोटि में नही रखा जाता है। 
इसलिए इस दौरान धार्मिक कार्य करने की मनाही भी नहीं होगी। 10 जनवरी से माघ मेला लग रहा है और इस दिन पौष पूर्णिमा भी है इसलिए इस दौरान श्रद्धालू गंगा में डुबकी लगाएंगे। हालांकि पौष पूर्णिमा के दिन और ग्रहण के बाद दान पुण्य किया जा सकता है। शास्त्रों केअनुसार इस महीने में दान पुण्य का करोड़ों गुना फल मिलता है। 
ऐसा भी माना जाता है कि पौष माह की पूर्णिमा पर स्नान और दान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए मोक्ष की कामना रखने वाले बहुत ही शुभ मानते हैं। क्योंकि इसके बाद माघ महीने की शुरुआत होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि चंद्र ग्रहण के दौरान किसी सरोवर में स्नान किया जाए तो सभी पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा गेहूं, चावल और गुड़ जैसी चीजों का दान भी करना चाहिए। 
ग्रहण से जुड़ी गलफहमियां दूर करने के लिए ये 5 बातें जरूर जानें
इस साल का पहला चंद्रगहण 10 जनवरी को लगने जा रहा है। यह एक उपच्छाऔया चंद्रग्रहण है, रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और 11 जनवरी को सुबह 2 बजकर 42 मिनट तक चलेगा। ऐसे में चंद्रग्रहण से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जिन्हें जान लेना बेहद जरुरी है। 
चंद्रगहण क्या है 
चंद्रगहण उस घटना को कहते हैं जब चन्द्रमा और सूर्य के बीच में धरती आ जाती है और धरती की पूर्ण या आंशिक छाया चांद पर पड़ती है। इसमें सूर्यग्रहण होने पर सूर्य का आधा हिस्सा या पूरा हिस्सा हमें दिखाई नहीं देता और चंद्रग्रहण होने पर भी आंशिक चांद दिखाई देता है। 
चंद्रग्रहण क्यों लगता है 
चंद्रग्रहण तभी लग सकता है, जब आकाश में पूरा चांद निकलता है। इसका कारण है पृथ्वी के चांद और सूरज के बीच आने से इसकी किरणें ब्लॉक हो जाती है। ऐसे में पृथ्वी की किरणें जब चांद पर पड़ती है, तो रात में ऐसा प्रतीत होता है कि चांद ढक या छुप गया है। 
क्या चंद्रग्रहण को सीधे तौर पर आंखों से देखा जा सकता है 
सूर्यग्रहण को सीधे तौर पर देखने से नेत्रहीन हो सकते हैं, लेकिन चंद्रग्रहण में यह समस्या नहीं होती। नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना बेहद सुरक्षित है। आप साफ दृश्य देखने के लिए टेलीस्कॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण में क्या अंतर है 
सूर्य ग्रहण तब होता है, जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रुप से चन्द्रमा द्वारा आवृ्त हो जाए। इस प्रकार के ग्रहण के लिये चन्दमा का प्रथ्वी और सूर्य के बीच आना आवश्यक है। इससे पृ्थ्वी पर रहने वाले लोगों को सूर्य का आधा भाग नहीं दिखाई देता है। जबकि चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी चांद और सूरज के बीच में आ जाती है। 
कितने प्रकार के ग्रहण होते हैं
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दो तरह के ग्रहण होते हैं-चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण। चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण पूर्ण या आंशिक हो सकते हैं।